मोहनलालगंज, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अवध विहार योजना के अंतर्गत अहमामऊ, सरसवां और हरिहरपुर गांवों में हाल ही में गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। इन गांवों में फौजी परिवारों और मध्यमवर्गीय परिवारों के घरों को गिराने और किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
धर्मेंद्र सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (धर्मेंद्र) ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि मोदी-योगी सरकार की पक्का मकान देने की योजना के बावजूद, अवध विहार योजना के तहत इन गांवों में मकानों को गिराने की प्रक्रिया
तेज कर दी गई है। आवास विकास योजना पर लापरवाही और धन उगाही के आरोप भी लगाए गए हैं। 20 साल बाद, अब आवास विकास उन लोगों को बेघर करने की कोशिश कर रही है जिन्होंने वर्षों से अपने घर बना लिए थे।
पिछली सरकार द्वारा 2004 में भूमि अधिग्रहण की योजना बनाई गई थी, लेकिन 20 वर्षों के बाद भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला है। कई किसान अपनी भूमि बेच चुके हैं या मुआवजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें राहत नहीं दी है। आवास विकास परिषद के एक-पक्षीय आदेशों और उच्चतम न्यायालय के निदेर्शों की अनदेखी की जा रही है। किसान
राजस्व विभाग के सर्किल रेट के आधार पर उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं और आवास विकास द्वारा किए गए फर्जी मुकदमों और उत्पीड़न के खिलाफ शिकायतें भी की गई हैं।
भारतीय किसान यूनियन (धर्मेंद्र) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों और आवासीय परिवारों को न्याय नहीं मिल जाता। आज भारतीय किसान यूनियन (धर्मेंद्र) जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपेगी जिसमें इन समस्याओं के समाधान की मांग की जाएगी।